देवर भाभी कहानी
देवर भाभी कहानी
मेरा नाम रीमा है, मेरी उमर 25 सल है, मेरी शादी को 2 साल हो गए है। मैं और मेरे पती शेहर में रहते हैं। ये कहानी उस समय की है, जब मेरी जेटानी गर्बा होती थी उस समय जेटानी की देखभल करने वाला मेरे ससुराल में कोई नहीं था। साससूरिक गुजरियों हो है, बहुत साल हो गया है मेरे जेट जेटाणी गाओ में रहते हैं एक दिन जेट जीका मेरे पती को फोन आया जेट जी ने मेरी पती से कहा के कुछ दिनों के लिए रीमा को गाओं में बेज दो कवीता के साथ उसकी देखवल करने यहाँ कोई नहीं है।
कविता मेरे जेटाने का नाम है। उसको कविता के साथ में बेजोगे तो ठीक रहेगा। मेरे पती ने भी हां कहा। मुझे अभी आफिस में काम भी कम है। तो मैं रिमा को भाभी के पास कल ही बेज़ेता हूँ। मैं यहां संबार लूँगा, रीमा भी भावी के साथ रहेगी तो घर के कामों में भावी की मदद कर देगी मेरे पती ने भेजता हूँ कल बोलके फोन रख दिया और मुझे जेटानी के साथ जाने को कहा मैंने भी कुछ नहीं कहा और मान गई मेरे जेटानी अच्छी है और उनके साथ वहाँ सच में कोई नहीं था फिर मुझे मेरे पती जेटानी के पास छोड़कर वापस गए शाम को जब जेट जी काम से घर वापस आये तो मुझे देखकर बोले, आ गई ये रीमा, कैसी हो?
तो मैंने कहा, ठीक हूँ, आप बताओ कि आप कैसे है? जेट जी बोले, तुम आ गई हो, तो अब मुझे कोई दिखत नहीं होगी फिर मैं लेटानी, जेट बैट कर बहुत सारी बाते की रात को सोने की तैयारी हो रही थी जेटानी ने कहा, तुम मेरे साथ ही सो जाओ मैं भी जेटानी के साथ ही उसके कमरे में सो गई जेट जी दूसरे कमरे में सो गई मुझे सुबह उठ कर घर के कामों में जेटानी को मदर कर रहा था जेट जी भी नास्ठा करके काम पर चले गई शाम को जब जेट जी आते थे तब मेरे साथ मजब मस्तिक भी किया करते थे
और अब जेटानी के डिलवरी को भी जाधा समय नहीं बचा था नवा महिना चालू था जेटानी पेट से थी इसलिए जेट जी को भी जेटानी से कुछ भी नहीं मिल रहा था एक दिन जेटानी बाजूम में किसी के घर गई थी वो मुझे से बोले क्यों ना हम एक दूसरे से प्यार करें ऐसे बोलकर जेट जी मेरे नर्दिक आने लगे मैं शरमा कर महा से भाग गई एक दिन मैं किचन में काम कर रहे थी जेट जी ने इधर उधर देखा और मुझे चुपके से आकर मेरे कमर को पकड लिया
और मेरे गले पर किस करने लगे कुछ समय बाद वो मेरे उपर वाले हिसे को सहलाने लगे उनको जेटानी से कुछ भी नहीं मिल रहा था जेटानी का आवाज सुनते ही जेट जी बाहर बाग गए एक राज जेटानी के पेट में अचानक दर्ध होने लगा जेट जी ने पास के अस्पताल में बरती कर दिया उनके साथ में जेट जी की चचेर भाई की बीवी थी वो लोग अस्पताल के नज़िक रहते थे सुबर जेट जी घर आये और बोले तुम चाची बन गई हो लड़का हुआ है मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं चाची बन गई तुरंद मैंने पती को फोन करके बताया वो भी खुश हुए मैंने जेट जी को भी बदाई देने के लिए हाथ आगे
बढ़ाया जेट जी बोलने लगे ऐसे थोड़े कोई बदाई देता है गले मिलो और जेट जी ने मुझे उनके पास कीच लिया और मेरे कमर को पकड़कर मेरे गुबारो को दबाने लगे और मैंने मना करने पर भी वो नहीं मान रहे थे उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिये और मुझे कीच करने लगे फिर उन्होंने मुझे गोद में उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया जब मैं उनसे छोड़ने की विन्ती करने लगी तो बोली आज मना मत करना मैं बहुत दिन से तड़प रहा हूँ बिटे नौ मेनों से मुझे ये सब करने को नहीं मिला तुम्हारी जेटानी ने तो मुझे हाद भी लगाने नहीं दिया तुम तो मुझे समझो आज मना मत
करना मैंने अपने आपको छुडाते हुए कहा ये सब और कब करेंगे अभी आप रात भी सोय नहीं हूँ आराम करो जेटजी नारद हुए और सूगए 3-4 गंटा सोने के बाद उड़ गए और पुछने लगे कविता सिमीने दोपरे को चलोगी अस्पताल मैंने तो हाँ कहे दिया दोपरे को खाना खाने के बाद जेटजी से मिनने जेटजी के साथ गई तो मुझे देखे जेटजी बहुत खुश हुई मैंने बच्चे को गोद में लिया तो बहुत अच्छा लग रहा था जेटजी के तरह दिखने में सुन्दर था जेटजी मुझे पूछने लगी तुम अकेली रहोगी न जेटजी के साथ घर रहोगी न मैं आने तक मैंने कहा तुम मेरी चिंता मत करना मैं रहूँगी तुम अपना खाया रखना शाम को जेटजी की भावी आने क
बाद हम दोनों घर आ गए और मैं खाना बनाने लगी इतने में पीछे से जेटजी आकर मुझे पकर लिये मैंने जेटजी को रोका तो बोले क्या रिमा बार बार मना करती हो और उनोंने मेरे कंदे पर अपना सी रख दिया फिर मुझे भी उन पर तरस आया हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही चिपक कर एक दूसरे को किस कर रहे थे किस करने के साथ साथ मेरे होटो को चूबने लगे करीब पांच मिनिट के बाद मुझे ओच्छोड दिये और पता नहीं उनको क्या हुआ फिर मुझे ही बुरा लगा तो मैंने उनको पीछे से जाकर जोर से पकड़ कर उनसे लिपड़ गई और उक गए और उनने भी मुझे पकड़ लिया और फिर मेरे गोरे से बदन को चूबने लगे अब मेरा मन भी जोरो से धड़क रहा था उसके बाद जेड़ जी ने मेरे साथ ओ सब
किया दिजमी पती को अंधेले में रख दिया इसका अफसोस भी था पर जेड़ जी ने भी मुझे खुश करने की कोई कसर नहीं छोड़ी उस रात हमने रात बर खूब आनंग लिया सुबह उठी तो मुझे चरने नहीं हो रहा था जेड़ जी मुझे पूछने लगे क्या हुआ? मैंने सब बता दिया फिर बोले थोड़ा आराम करो कुछ काम मत करो मैं कर दूँगा दूसरे दिन जेटानी बच्चे के साथ अस्पताल से घर आई मैं उस दिन से दूसरे कमरे में रहनी लगी तो जेड़ जी आधी रात को जेटानी सोने के बाद मेरे कमरे में आकर हर रात वस ओसप करने लगे मैं वहाँ पर 10-15 दिन तक रही मैं और
जेड़ जी नहीं इतने दिनों तक पता नहीं
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